Kahin Door Jab Din Dhal Jaye
Mukesh
4:02ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई बहार आने से पहले ख़्हिज़ाँ चली आई ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई ख़ुशी की चाह में मैं ने उठाये रंज बड़े ख़ुशी की चाह में मैं ने उठाये रंज बड़े मेरा नसीब की मेरे क़दम जहाँ भी पड़े ये बदनसीबी मेरी भी वहाँ चली आई ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई उदास रात है वीरान दिल की महफ़िल है उदास रात है वीरान दिल की महफ़िल है न हम्सफ़र है कोई और न कोई मंज़िल है ये ज़िंदगी मुझे लेकर कहाँ चली आई ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई बहार आने से पहले ख़्हिज़ाँ चली आई ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई