Dil Se Dil Ki Dor Bandhe
Nanda Chakrabarti
5:16कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है के जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिए के जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिए तू अबसे पहले सितारों में बस रही थी कहीं तू अबसे पहले सितारों में बस रही थी कहीं तुझे ज़मीं पे बुलाया गया है मेरे लिए तुझे ज़मीं पे बुलाया गया है मेरे लिए कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है के ये बदन ये निगाहें मेरी अमानत हैं के ये बदन ये निगाहें मेरी अमानत हैं ये गेसुओं की घनी छाओं हैं मेरी खातिर ये होंठ और ये बाहें मेरी अमानत हैं ये होंठ और ये बाहें मेरी अमानत हैं कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है के जैसे बजती हैं शहनाइयाँ सी राहों में के जैसे बजती हैं शहनाइयाँ सी राहों में सुहाग रात हैं घूंघट उठा रहा हूँ मैं सुहाग रात हैं घूंघट उठा रहा हूँ मैं सिमट रही है तू शर्मा के अपनी बाहों में सिमट रही है तू शर्मा के अपनी बाहों में कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है के जैसे तू मुझे चाहेगी उम्र भर यूहीं उठेगी मेरी तरफ प्यार की नज़र यूहीं मैं जानता हूँ की तू गैर है मगर यूहीं मैं जानता हूँ की तू गैर है मगर यूहीं कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है