Ae Maiya Chintapurni
Narendra Chanchal
7:37श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम भए प्रगट कृपाला दीनदयाला कौसल्या हितकारी हरषित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत रूप निहारी लोचन अभिरामा तनु घनस्यामा निज आयुध भुजचारी भूषन बनमाला नयन बिसाला सोभासिंधु खरारी श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम कह दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी केहि बिधि करूं अनंता माया गुन ग्यानातीत अमाना वेद पुरान भनंता करुना सुख सागर सब गुन आगर जेहि गावहिं श्रुति संता सो मम हित लागी जन अनुरागी भयउ प्रगट श्रीकंता श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम ब्रह्मांड निकाया निर्मित माया रोम रोम प्रति बेद कहै मम उर सो बासी यह उपहासी सुनत धीर मति थिर न रहै उपजा जब ग्याना प्रभु मुसुकाना चरित बहुत बिधि कीन्ह चहै कहि कथा सुहाई मातु बुझाई जेहि प्रकार सुत प्रेम लहै श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम माता पुनि बोली सो मति डोली तजहु तात यह रूपा कीजै सिसुलीला अति प्रियसीला यह सुख परम अनूपा सुनि बचन सुजाना रोदन ठाना होइ बालक सुरभूपा यह चरित जे गावहिं हरिपद पावहिं ते न परहिं भवकूपा श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम सिया राम सिया राम सिया राम सिया राम