Kahe Toh Se Sajna
Neelam Dixit
3:59कोई शहरी बाबू दिल लेहरी बाबू हाय रे पग बांध गया घुँघरू मैं छम छम नचदी फ़िरां कोई शहरी बाबू दिल लेहरी बाबू हाय रे पग बांध गया घुँघरू मैं छम छम नचदी फ़िरां मैं तो चलूँ हौले हौले फिर वी मन डोले अरे मेरे रब्बा मैं की करां मैं छम छम नचदी फ़िरां कोई शहरी बाबू दिल लेहरी बाबू हाय रे पग बांध गया घुँघरू मैं छम छम नचदी फ़िरां पनघट पे मैं कम जाने लगी नटखट से मैं शर्माने लगी पनघट पे मैं कम जाने लगी नटखट से मैं शर्माने लगी धड़कन से मैं घबराने लगी दर्पण से मैं कतराने लगी मन खाए हिचकोले ऐसे जैसे नईया डोले हाए वे मेरे रब्बा मैं की करां आ आ आ आ आ आ मैं छम छम नचदी फ़िरां कोई शहरी बाबू दिल लेहरी बाबू हाय रे पग बांध गया घुँघरू मैं छम छम नचदी फ़िरां सपनो में चोरी से आने लगा रातों की निंदिया चुराने लगा सपनो में चोरी से आने लगा रातों की निंदिया चुराने लगा नैनों की डोली बिठाके मुझे लेके बोहत दूर जाने लगा मेरे घूँघटा को खोले मीठे मीठे बोल बोले अरे मेरे रब्बा मैं की करां मैं छम छम नचदी फ़िरां कोई शहरी बाबू दिल लेहरी बाबू हाय रे पग बांध गया घुँघरू मैं छम छम नचदी फ़िरां