Koi Shahri Babu

Koi Shahri Babu

Neelam Dixit

Длительность: 4:43
Год: 2023
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Текст песни

कोई शहरी बाबू
दिल लेहरी बाबू हाय रे
पग बांध गया घुँघरू
मैं छम छम नचदी फ़िरां
कोई शहरी बाबू
दिल लेहरी बाबू हाय रे
पग बांध गया घुँघरू
मैं छम छम नचदी फ़िरां
मैं तो चलूँ हौले हौले
फिर वी मन डोले
अरे मेरे रब्बा मैं की करां
मैं छम छम नचदी फ़िरां
कोई शहरी बाबू
दिल लेहरी बाबू हाय रे
पग बांध गया घुँघरू
मैं छम छम नचदी फ़िरां

पनघट पे मैं कम जाने लगी
नटखट से मैं शर्माने लगी
पनघट पे मैं कम जाने लगी
नटखट से मैं शर्माने लगी
धड़कन से मैं घबराने लगी
दर्पण से मैं कतराने लगी
मन खाए हिचकोले
ऐसे जैसे नईया डोले
हाए वे मेरे रब्बा मैं की करां
आ आ आ आ आ आ
मैं छम छम नचदी फ़िरां
कोई शहरी बाबू
दिल लेहरी बाबू हाय रे
पग बांध गया घुँघरू
मैं छम छम नचदी फ़िरां

सपनो में चोरी से आने लगा
रातों की निंदिया चुराने लगा
सपनो में चोरी से आने लगा
रातों की निंदिया चुराने लगा
नैनों की डोली बिठाके मुझे
लेके बोहत दूर जाने लगा
मेरे घूँघटा को खोले
मीठे मीठे बोल बोले
अरे मेरे रब्बा मैं की करां
मैं छम छम नचदी फ़िरां
कोई शहरी बाबू
दिल लेहरी बाबू हाय रे
पग बांध गया घुँघरू
मैं छम छम नचदी फ़िरां