Sita Ram Kahiye
Swami Shri Padmanabh Sharan
4:46आदेस भोलेबाबा बस्यूं मरघट का छाला लोभ फूकि तापी सुलज्ञयी धूनी ज्वाला नीलकण्ठी बाबा त्वेन प्येयी बिस प्याला चौदह भवन त्यागी बीछईं गजछाला गात चिता भसम सजीं च मुण्ड माला पीताम्बर नई स्वान्दू पैरी बाघम्बरी छाला हे नीलकण्ठी बाबा आदेस भोलेबाबा हे नीलकण्ठी बाबा आदेस भोलेबाबा शिव में ना राग है, शिव में ना द्वेष है, शिव में न ईर्ष्या कोई शिव में ना गर्व है, शिव में ना मोह है, शिव में ना कामना कोई शिव है हर कही और, शिव कही नही है है शिव ही शून्य, शिव अनन्त है मृत्युजन्म भय से, शिव खड़े परे हैं शिव सृजन शिवा ही अंत है रूद्र शिव पुरन्दरा, भद्र नट युगन्धरा नमन-नमन ओ गौरीनाथ, शर्वअज केदारनाथ त्रियम्बके ओ भोलेनाथ, नमन तुझे केदारनाथ नमन-नमन ओ गौरीनाथ, शर्वअज केदारनाथ त्रियम्बके ओ भोलेनाथ, नमन तुझे केदारनाथ तू शून्य से भी सूक्ष्म है, आकाश से अनंत है मर्म पूरी सृष्टि का तू आदि है, तू अंत है त्रियम्बके ओ भोलेनाथ, नमन तुझे केदारनाथ नमन-नमन ओ गौरीनाथ, शर्वअज केदारनाथ आ भस्म विभूषित सर्प अलंकृत भस्म विभूषित सर्प अलंकृत गौरी वर सुख सागरा व्याघ्रम्बार धर हिमगिरि वासा व्याघ्रम्बार धर हिमगिरि वासा भोले नाथ शिव शंकरा भोले नाथ शिव शंकरा भोले नाथ शिव शंकरा सौ जगत में है मिथक, तू एक अखण्ड तथ्य है सौ जगत में है मिथक, तू एक अखण्ड तथ्य है की झूठ, काम, लोभ, जग, तू एक मात्र सत्य है त्रियम्बके ओ भोलेनाथ, नमन तुझे केदारनाथ की झूठ, काम, लोभ, जग, तू एक मात्र सत्य है त्रियम्बके ओ भोलेनाथ, नमन तुझे केदारनाथ नमन नमन ओ गौरीनाथ, शर्वअज केदारनाथ त्रियम्बके ओ भोलेनाथ, नमन तुझे केदारनाथ नमन नमन ओ गौरीनाथ, शर्वअज केदारनाथ