Shree Raamchandra Krupalubhajman
Pt Jasraj
3:31जय शंकर शिव शंकर जय जय त्रिपुरारी जय सुरापाति त्रिभुवनपति जय जय असुरारी हर हर हर महादेव सत्या सनातन सुंदर शिव सबके स्वामी अविकारी अविनाशी अज अंतर्यामी आदि अंत अनामे सकल कलाधारी अमल अरूप अगोचर अविचार अघहारी हर हर हर महादेव श्रण में होत प्रसन्ना सदाशिव तुम औदरदानी तुम ही करता भरता महिमा जाग जानी मणिमय भवन निवासी सब संपत्ति त्यागी नित स्मशान निहारी योगी वैरागी हर हर हर महादेव छाल कपाल गारलागला मुण्डमाल व्याली चीता भसमा तन शोभित नयन धरे लाली प्रेत पिसाचा सुसेवित पीट जटाधारी विवसना विकत रूप धर रुद्र प्रलयकारी हर हर हर महादेव शुभ्र सौम्य सुरसारीधर शशिधर सुखकारी अति कमनिय शांतिकर शिव मुनिमना हारी निरगुन सगुण निरंजन नवतम नित्या प्रभो कालरूप केवल हर कालातीत विभहो हर हर हर महादेव सतचीत आनंद रसम करुणामे धाता प्रेम सुधा निधि प्रियतम अखिल विश्व तराता हर हर हर महादेव