Humnava Mere
Jubin Nautiyal
5:29तेरे जाने का ग़म और ना आने का ग़म फिर ज़माने का ग़म क्या करें राह देखे नज़र रात भर जाग कर पर तेरी तो ख़बर ना मिले बहोत आई गई यादें मगर इस बार तुम ही आना इरादे फिर से जाने के नहीं लाना तुम ही आना मेरी देहलीज़ से होकर बहारें जब गुज़रती है यहाँ क्या धुप क्या सावन हवाएँ भी बरसती हैं हमें पूछो क्या होता है बिना दिल के जिए जाना बहोत आई गई यादें मगर इस बार तुम ही आना आ आ आ आ आ कोई तो राह वो होगी जो मेरे घर को आती है करो पीछा सदाओं का सुनो क्या कहना चाहती है तुम आओगे मुझे मिलने ख़बर ये भी तुम ही लाना बहोत आई गई यादें मगर इस बार तुम ही आना मरजावाँ मरजावाँ