Teri Mand Mand Mushakniya Pe Balihar Raghav
Prakash Gandhi
5:39हे मुरलीधर छलिया मोहन, हम भी तुमको दिल दे बैठे हे मुरलीधर छलिया मोहन, हम भी तुमको दिल दे बैठे, गम पहले से ही कम तो ना थे, एक और मुसीबत ले बैठे, गम पहले से ही कम तो ना थे, एक और मुसीबत ले बैठे, हे मुरलिधर छलिया मोहन दिल कहता है तुम सुन्दर हो, दिल कहता है तुम सुन्दर हो, आँखे कहती है दिखलाओ, आँखे कहती है दिखलाओ, तुम मिलते नही हो आकर के, हम कैसे कहे देखो ये बैठे, गम पहले से ही कम तो ना थे, एक और मुसीबत ले बैठे, हे मुरलिधर छलिया मोहन महिमा सुनके हैरान है हम, महिमा सुनके हैरान है हम, तुम मिल जाओ तो चैन मिले तुम मिल जाओ तो चैन मिले, मन खोज के भी तुम्हे पाता नही, तुम हो की उसी मन में बैठे हम भी तुमको दिल दे बैठे एक और मुसीबत ले बैठे, हे मुरलिधर छलिया मोहन, राजेश्वर राजाराम तुम्ही राजेश्वर राजाराम तुम्ही प्रभु योगेशेवर घनश्याम तुम्ही प्रभु योगेशेवर घनश्याम तुम्ही, धनुधारी बने कभी मुरली बजा, यमुना तट निज जन में बैठे हम भी तुमको दिल दे बैठे एक और मुसीबत ले बैठे, हे मुरलिधर छलिया मोहन, हे मुरलीधर छलिया मोहन, हम भी तुमको दिल दे बैठे हे मुरलिधर छलिया मोहन, हम भी तुमको दिल दे बैठे ॥