Mulaqat

Mulaqat

Prateek Kuhad

Альбом: Mulaqat
Длительность: 4:07
Год: 2023
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Текст песни

ये कैसी मुलाक़ात है
जैसे सदियों से तुम मेरी जान हो
अब कैसे मैं ये समझाऊ
कितनी आगजनी से तुम्हारा वह मुझे
इंतज़ार है ओ ओ ओ (ओ ओ ओ)

तुम जो पास आये
चूमने का ये बहाना लेके
तबसे तुम मेरी हो दास्तां
चाँद को बुला कर तुमने चमकाई मेरी जो रातें
तबसे मैं तुम्हारा ही हुआ
दोनों ही कलाइयों पे चाँदी है सजी
होठों पे जो लाली है
दिल में बस गई
ये मिलन की कैसी आग है
जल जाने की आस है
मदहोशी हो या ना भी हो
इस प्यार की गहरी का कोई
इन्तेहां नहीं ओ ओ ओ

ओ ओ ओ ओ ओ ओ (ओ ओ ओ)

नाचने का मन करे तो झूम लेंगे हम
और सितारों के बागीचे घूम लेंगे हम
थोड़ी सी मज़ाकिया भी बातें हम करेंगे
मिल गया है आशियाँ हम आखों से कहेंगे
यूं होता है प्यार क्यों
थोड़ा डर भी है थोड़ा जुनून
है खफा महलिफ़ की बेहतबी
जाने कैसे कोई कह सके ये
इत्तेफाक है ओ ओ ओ

ओ ओ ओ ओ ओ ओ

ये कैसी मुलाक़ात है
जैसे सदियों से तुम मेरी जान हो
अब कैसे मैं ये समझाऊं
कितनी अरसो से मुझे तुम्हारा ही मुझे इंतज़ार है

ओ ओ ओ ओ ओ ओ (ओ ओ ओ)

ये कैसी मुलाक़ात है (ओ ओ ओ)
ये कैसी मुलाक़ात है (ओ ओ ओ)
ये कैसी मुलाक़ात है (ओ ओ ओ)
ये कैसी मुलाक़ात है