Beqaraan Kaynaat

Beqaraan Kaynaat

Pratibha Singh Baghel

Длительность: 6:20
Год: 2021
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Текст песни

तिनका तिनका लम्हे तोड़े
सारी रात कटाई की
तिनका तिनका लम्हे तोड़े
सारी रात कटाई की
क्यूँ इतनी लम्बी होती है
चाँदनी रात जुदाई की

हाँ आ आ हाँ आ आ

बेक़रार कायनात है शायद
बेक़रार कायनात है शायद
इतनी लम्बी ये रात है शायद
इतनी लम्बी ये रात है शायद
बेकरां क़ायनात है शायद

दास्ताँ को सुनाए जाता है

दास्ताँ को सुनाए जाता है
दास्ताँ को सुनाए जाता है
दास्ताँ को सुनाए जाता है
ये हमारी ही बात है शायद
ये हमारी ही बात है शायद
इतनी लम्बी ये रात है शायद
इतनी लम्बी ये रात है शायद
बेकरां क़ायनात है शायद
दूर से भी नहीं छुआ उसने
दूर से भी नहीं छुआ उसने
ना ना ना
दूर से भी नहीं छुआ उसने
दूर से भी नहीं छुआ उसने
अपनी ऐसी ही ज़ात है शायद
अपनी ऐसी ही ज़ात है शायद

वक़्त सब दर्ज करता रहता है
आ आ आ आ
वक़्त सब दर्ज करता रहता है
वक़्त सब दर्ज करता रहता है
हो वक़्त सब दर्ज करता रहता है
आँख गहरी दवायत है शायद
आँख गहरी दवायत है शायद
इतनी लम्बी ये रात है शायद
इतनी लम्बी ये रात है शायद
बेकरां क़ायनात है शायद