Shendur Lal Chadhayo Aarti
Manoj Mishra
3:22वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा सुखकर्ता दु:खहर्ता वार्ता विघ्नाची नुरवी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची कंठी झळके माल मुक्ताफळांची जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती दर्शनमात्रे मनकामना पुरती जय देव जय देव रत्नखचित फरा तुज गौरीकुमरा चंदनाची उटी कुंकुमकेशरा हिरे जडित मुकुट शोभतो बरा रूण झुणझुण्या वाजती घुंगरा जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती दर्शनमात्रे मनकामना पुरती जय देव जय देव लंबोदर पिटांबर फणिवरवंदना सरळ सोंड वक्रतुंड त्रिनयना दास रामाचा वाट पाहे सदना संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवंदना ॥ जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती दर्शनमात्रे मनकामना पुरती जय देव जय देव शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुख को दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरिहर को हाथ लिए गुडलद्दु सांई सुरवर को महिमा कहे न जाय लागत हूं पद को जय देव जय देव जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता जय देव जय देव अष्टौ सिद्धि दासी संकटको बैरि विघ्नविनाशन मंगल मूरत अधिकारी कोटी सूरज प्रकाश ऐबी छबि तेरी गंडस्थलमद मस्तक झूले शशिबिहारि जय देव जय देव भावभगत से कोई शरणागत आवे संतत संपत सबही भरपूर पावे ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे गोसावीनंदन निशिदिन गुन गावे जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता जय देव जय देव