O Saathi Re
Rajiv Goel
4:09इक रास्ता है ज़िंदगी जो थम गये तो कुछ नहीं इक रास्ता हैं ज़िंदगी जो थम गये तो कुछ नहीं यह कदम किसी मुकाम पे जो जम गये तो कुछ नहीं इक रास्ता है ज़िंदगी जो थम गये तो कुछ नहीं ओ जाते रही ओ बाँके रही मेरी बाहों को इन राहो को तू छोड़ के ना जा तू वापस आ जा वो हुस्न के जलवे हों या इश्क की आवाजे आज़ाद परिंदों की रुकती नहीं परवाजे जाते हुये कदमों से आते हुये कदमों से भारी रहेगी रहगुजर जो हम गये तोह कुछ नहीं इक रास्ता हैं ज़िंदगी जो थम गये तो कुछ नहीं यह कदम किसी मुकाम पे जो जम गये तो कुछ नहीं ऐसा गजब नहीं धना पिया मत जाना बिदेसवा रे ऐसा गजब नहीं धना पिया मत जाना बिदेसवा रे ओ हमका भी संग लिए जाना पिया जब जाना बिदेसवा रे हो जाते हुये रही के साये से सिमटना क्या इक पल के मुसाफिर के दमन से लिपटना क्या जाते हुये कदमों से आते हुये कदमों से भारी रहेगी रहगुजर जो हम गये तो कुछ नहीं इक रास्ता हैं ज़िंदगी जो थम गये तो कुछ नहीं यह कदम किसी मुकाम पे जो जम गये तोह कुछ नहीं इक रास्ता हैं ज़िंदगी जो थम गये तो कुछ नहीं