Ram Dhun (Ram Ram Jai Raja Ram)
Rattan Mohan Sharma
3:49श्री रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भवभय दारुणं श्री रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भवभय दारुणं नव कञ्ज लोचन कञ्ज मुख कर कञ्ज पद कञ्जारुणं श्री रामचंद्र कृपालु भजमन कंदर्प अगणित अमित छवि नव नील नीरद सुन्दरं पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचि नौमि जनक सुतावरं कंदर्प अगणित अमित छवि नव नील नीरद सुन्दरं पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचि नौमि जनक सुतावरं श्री रामचंद्र कृपालु भजमन भजु दीनबन्धु दिनेश दानव दैत्य वंश निकन्दनं रघुनन्द आनन्द कन्द कोसल चन्द दशरथ नन्दनं भजु दीनबन्धु दिनेश दानव दैत्य वंश निकन्दनं रघुनन्द आनन्द कन्द कोसल चन्द दशरथ नन्दनं श्री रामचंद्र कृपालु भजमन सिर मुकुट कुंडल तिलक चारु उदार अङ्ग विभूषणं आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खरदूषणं सिर मुकुट कुंडल तिलक चारु उदार अङ्ग विभूषणं आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खरदूषणं श्री रामचंद्र कृपालु भजमन इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनं मम हृदय कंज निवास कुरु कामादि खलदल गंजनं इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनं मम हृदय कंज निवास कुरु कामादि खलदल गंजनं श्री रामचंद्र कृपालु भजमन