Chulhe Ka Panch (Feat. Harendra Nagar)

Chulhe Ka Panch (Feat. Harendra Nagar)

Rohit Sardhana

Альбом: Chulhe Ka Panch
Длительность: 3:40
Год: 2024
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Текст песни

रोहित सरधाना शब्द ईसे बता कहां से लाते हैं
रोहित सरधाना शब्द ईसे बता कहां से लाते हैं
जुबान के रसीले है अंदर ते ज़हरीले है
मार दो ठोकर सालों में रे दोगले पेट के कालो में
जनानी आले काम करें आपसदारी बदनाम करें
मार दो ठोकर सालां में रे दोगले पेट के कालो में
इधर की करते उधर उधर की इधर लगाते है
इधर लगाते है
रे ऐसे लोग अपणों में ही पाये जाते है
ऐसे लोगां को चूल्हे का पंच बताते है
रे ऐसे लोग अपणों में ही पाये जाते है
ऐसे लोगां को चूल्हे का पंच बताते है

Saif Music

रे ऐसे लोगां का तो हुक्का पानी गेर दो
यार हो या प्‍यार जड़ ते माटी फेर दो
दो पैसा आ जा तो साले देख के अकड़ें है
रे मतलब कारण हाथ भी जोड़ें पांव भी पकड़ें है
ऐसे लोग ही आपस में मानस मरवाते है
मानस मरवाते है
रे ऐसे लोग अपणों में ही पाये जाते है
ऐसे लोगां को चूल्हे का पंच बताते है
रे ऐसे लोग अपणों में ही पाये जाते है
ऐसे लोगां को चूल्हे का पंच बताते है

ईसे मार द्यु ऊसे मार द्यु हवा बना देनी
बे हड्डी की जीभ स ये कहीं हिला देनी
तू नया नया गुंडा है बेटा अदा छूट जागी
जिस दिन मारे फंस गया रे तेरी टांग टूट जागी
ये 1500 का कट्टा लेके फूल इतराते है
फूल इतराते है
रे ऐसे लोग अपणों में ही पाये जाते है
ऐसे लोगां को चूल्हे का पंच बताते है
रे ऐसे लोग अपणों में ही पाये जाते है
ऐसे लोगां को चूल्हे का पंच बताते है

बिना बुलाये घरया किसी के जाणा ना चाहिये
लुच्चा जार लफंगा पास बिठाणा ना चाहिये
रे खरी बात मुंह पे कह दो शर्माणा ना चाहिये
भी बेटी और बुआ बहन का खाणा ना चाहिये
रोहित सरधाना शब्‍द ईसे बता कहां से लाते है
हरिद्रा नागर हसणा पूरे सुर में गाते है
सुर में गाते है
रे ऐसे लोग अपणों में ही पाये जाते है
ऐसे लोगां को चूल्हे का पंच बताते है
रे ऐसे लोग अपणों में ही पाये जाते है
ऐसे लोगां को चूल्हे का पंच बताते है