Kathalikkum Penin Kaikal
S.P. Balasubrahmanyam
4:49ना न ना न ना न ना न ना न ना न उउ है उउ है उउ येह उउ है प्रेमिका ने प्यार से जो भी दे दिया तेरे वास्ते है नीलम जैसा प्रेमिका ने प्यार से जो भी छू लिया तेरे वास्ते है सोने जैसा प्रेमिका को तीर्थ मानो प्यार को भी स्वर्ग जानो प्यार के संगीत में मम्म मोहिनी सुरागिनी प्यार के संगीत में मम्म मोहिनी सुरागिनी हम्म्म हम्म हम्म्म हम्म्म सा नि सा सा रे गा रे सा नि पा नि सा सा गा म म पा म गा रे सा सा नि सा सा रे गा रे सा नि पा नि सा सा गा म म पा म गा रे सा ना ना ना ना र ना ना ना ना ना र ना प्रेमिका ने प्यार से जो भी लिख दिया मेरे वास्ते है काव्य के सामान दिलरुबा ने प्यार से जो भी दे दिया मेरे वास्ते प्रसाद के सामान फूलमाला दो रुपैया तेरी ज़ुल्फ़ में सजा फूल सौ रुपैया जो मिठाई एक रुपिया तुमने मुंह लगा के मुझको दी तो लाख रुपया हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म साजना ने प्यार से छू लिया जिन्हे वो शूल है फूल जैसे साजना बिना बिछे जो सुनी सेज पे वो फूल है शूल जैसे प्रेमिका को तीर्थ मानो प्यार को भी स्वर्ग जानो प्यार के सगीत में हूँ हूँ मोहिनी सुरागिनी प्यार के सगीत में हूँ हूँ मोहिनी सुरागिनी प्यार कभी वक़्त-फ़क़्त देखता नहीं हर एक वक़्त है ठीक प्यार में प्यार कभी रंग-रूप देखता नहीं कालूराम भी है ठीक प्यार में प्रेम-ज्योति न बुझेगी आज हमदम कुछ तो प्रेम कर ले यहाँ मान अपमान तो कुछ भी नहीं ये हक़ीक़त दुनिया समझती नहीं बदले ये ज़मीं-आसमान पर चाहते नहीं बदले लैला-मजनूं प्यार की वो दास्तान पूछे इन हवाओं में सजन तेरी चाहतो में दिल मेरा खो गया तेरी चाहतो में खो गया सजन तेरी चाहतो में दिल मेरा खो गया ये दिल तुम्हारा हो गया ना ना ना ना र ना ना ना ना ना र ना