Rakkamma
S.P. Balasubrahmanyam
7:10झूम के दिल ने पुकारा, समझो मौसम का इशारा भरता जाए आंचल, मुझको करे पागल बेहकी मेरी धड़कन, चलाए जादू ऐसा रुख में रहेगा कैसे दिल पे काबू झूम के दिल ने पुकारा, समझो मौसम का इशारा भीगी भीगी सी रुत है, हसीं करू क्या मैं, हम नशीं तू बता छाया है ये कैसा नशा, मुझे कुछ होने लगा साजना हमने जवां, बेहका समा, दिल ये कहता है सनम तोड़ने दो हर क़सम, बरसे है पानी मगर बढ़ते जाए अगर आ भी जाओ मेरी परियतमा झूम के दिल ने पुकारा, समझो मौसम का इशारा भरता जाए आंचल, मुझको करे पागल बेहकी मेरी धड़कन, चलाए जादू ऐसा रुख में रहेगा कैसे दिल पे काबू दिल निशा निश रे सा निश रे सा रे पामा खोयी खोयी आँखें मेरी, जगे जगे रातें मेरी, क्यों भला मन की लगी जो जो बड़ी तन में जाकर वो लगी साथिया फूल किले हम जो मिले, शर्म से ये कली भंवरे से मिली नभ से आके है रुठी बात दिल से जो चली, तू ही तू है मेरा हमनामा झूम के दिल ने पुकारा, समझो मौसम का इशारा भरता जाए आंचल, मुझको करे पागल बेहकी मेरी धड़कन, चलाए जादू ऐसा रुख में रहेगा कैसे दिल पे काबू