Saat Samundar Tech House Mix
Arthat
3:27बेख़ुदी में पड़ी रहती हूँ बेख़ुदी में पड़ी रहती हूँ तेरी यादों से जुड़ी रहती हूँ तेरी यादों से जुड़ी रहती हूँ बेख़ुदी में पड़ी रहती हूँ बेख़ुदी में... आख़िरी मोड़ पे माज़ी के आकर आख़िरी मोड़ पे माज़ी के आकर आख़िरी मोड़ पे माज़ी के आकर आख़िरी मोड़ पे माज़ी के आकर आख़िरी मोड़ पे माज़ी के आकर अब अकेले खड़ी रहती हूँ अब अकेले खड़ी रहती हूँ बेख़ुदी में पड़ी रहती हूँ बीती यादों की यहाँ कब्र बनाकर बीती यादों की यहाँ कब्र बनाकर बीती यादों की यहाँ कब्र बनाकर बीती यादों की यहाँ कब्र बनाकर बीती यादों की यहाँ कब्र बनाकर यूँ ही बेबस गड़ी रहती हूँ यूँ ही बेबस गड़ी रहती हूँ बेख़ुदी में पड़ी रहती हूँ आस तेरी ही लगा के, आदम आस तेरी, आस तेरी, आस तेरी ही... आस तेरी ही लगा के, आदम आस तेरी ही लगा के, आदम आस तेरी ही लगा के, आदम आस तेरी ही लगा के, आदम हर पल, हर घड़ी रहती हूँ हर पल, हर घड़ी रहती हूँ बेख़ुदी में पड़ी रहती हूँ