Dhadhang Dhang
Sajid Wajid
4:36Aye, भंकस आ रे प्रीतम प्यारे, बंदूक में ना तो गोली मेरे आ रे प्रीतम प्यारे, बंदूक में ना तो गोली मेरे आ रे प्रीतम प्यारे, सब आग तो मेरी चोली में रे ज़रा हुक्का उठा, ज़रा चिल्लम जला, हाँ पल्लू के नीचे छुपा के रखा है उठा दूँ तो हंगामा हो पल्लू के नीचे दबा के रखा है उठा दूँ तो हंगामा हो भंकस जोबन से अपने दुपट्टा गिरा दूँ तो कँवले-कँवारों का चेहरा खिले हाय, मैं आँख मारूँ तो नोटों की बारिश हो लख जो हिला दूँ तो जिल्ला हिले जिल्ला हिले हिले, हिले, हिले, हिले, जिल्ला हिले हिले, हिले, हिले, हिले, जिल्ला हिले हिले, हिले, हिले ज़रा तूती बजा, ज़रा ठुमका लगा, हाँ पल्लू के नीचे छुपा के रखा है उठा दूँ तो हंगामा हो पल्लू के नीचे दबा के रखा है उठा दूँ तो हंगामा हो मैं तो हूँ जंगल की नाज़ुक हिरनिया रे ख़ूख़ार ज़ालिम शिकारी है तू अरे, काटे सुपारी बना के मुझे जो वो बेदर्द आरी रे, आरी है तू आरी है तू आरी, आरी, आरी, आरी, आरी है तू आरी, आरी, आरी, आरी, आरी है तू आरी, आरी, आरी... ਓਹਨਾਂ ਗੱਡੀ ਦਿਖਾ, ਓਹਨਾਂ body ਦਿਖਾ, ਹਾਂ पल्लू के नीचे छुपा के रखा है उठा दूँ तो हंगामा हो, हो-हो-हो पल्लू के नीचे दबा के रखा है उठा दूँ तो हंगामा हो आ रे प्रीतम प्यारे, बंदूक में ना तो गोली मेरे आ रे प्रीतम प्यारे, सब आग तो मेरी चोली में रे ज़रा हुक्का उठा, ज़रा चिल्लम जला, हाँ पल्लू के नीचे छुपा के रखा है उठा दूँ तो हंगामा हो पल्लू के नीचे दबा के रखा है उठा दूँ तो हंगामा हो Aye, भंकस