Janeman
Sonu Nigam
5:22दिल ही दिल में हम तो मरे दिल दुखाना आपका मान जाओ हम तो हरे है गुस्सा आपका हो गयी जो खता न सता भूल भी जा आप जानते है हम को हम न कह पाएंगे मुस्कुरा के हम को देखो हम भी मुस्कुराएंगे मैं नहीं बेवफा न ख़फ़ा भूल भी जा जब तू मुझसे रूठा था तो मुझसे रूठ बैठी खुशियां दे रहा थां तने मासूम हस रही थी मुझपे दुनिया बारिशों में भीगा आँचल दिल न जाने क्यों सोता था काट ता था लम्हा लम्हा वक़्त क़हर पर रुक था जब तू मुझसे रूठा था तो मुझसे रूठ बैठी खुशियां जब तू मुझसे रूठा था तो मुझसे रूठ बैठी खुशियां होना था जो हुआ होगया भूल भी जा दिल ही दिल में हम तो मरे दिल दुखाना आपका मान जाओ हम तो हरे हाय गुस्सा आपका आज क्यों लगे दुनिया की पहली सुबह फिर से होगी बस हमारा अपना सूरज अंचुहिसि से धूप खिलेगी रात को जो चाँद उठेगा चाँदनी लोरी गायेगी मेरी बाहों में सर रख के जान मेरी सो जायेगी आज क्यों लगे दुनिया की पहली सुबह फिर से होगी आज क्यों लगे दुनिया की पहली सुबह फिर से होगी भूल जा यह जहाँ यह जहां भूल भी जा दिल ही दिल में हम तो मरे दिल दुखाना आपका मान जाओ हम तो हरे हाय गुस्सा आपका हो गयी जो खता न सता भूल भी जा आप जानते हम को हम न कह पाएंगे मुस्कुरा के हम को देखो हम भी मुस्कुराएंगे मैं नहीं बेवफा न ख़फ़ा भूल भी जा भूल जा भूल जा हाँ भूल जा भूल भी जा (भूल भी जा)