Zinda (From "Bhaag Milkha Bhaag")
Shankar Ehsaan Loy
3:32अरे संटी मार रहा संसार अब तू आने दे ललकार तेरी तो बाहें पथवार कदम हैं तेरे हाहाकार तेरी नस-नस लोहतार तू है आग बस तू भाग Milkha ओ बस तू भाग Milkha, भाग Milkha भाग भाग भाग भाग भाग Milkha ओ सरिया ओ कश्ती ओ सरिया ओ सरिया मोड़ दे आग का दरिया ओ कश्ती ओ कश्ती डूब जाने में ही है हस्ती ओ जंगल ओ जंगल आज शहरों से हैं तेरा दंगल ओ Milkha भाग Milkha भाग Milkha भाग भाग भाग भाग भाग Milkha तू जाग, अब तू जाग Milkha तू है आग, तू है आग Milkha तू जाग, अब तू जाग Milkha तू है आग, तू है आग Milkha तू भाग बस तू भाग तेरा तो बिस्तर है मैदान ओढ़ना धरती तेरी शान तेरे सिरहाने है चट्टान पहन ले पहन ले पूरा आसमान तू पगड़ी बांध Milkha तू आग Milkha खोल तू रथ के पहिये खोल बना के चक्कर सुदर्शन गोल जंग के फीते कस के बांध खुली हैं आज शेर की मांग तू गोली दाग Milkha तू भाग Milkha, भाग Milkha भाग Milkha, भाग Milkha भाग Milkha, भाग Milkha भाग भाग भाग भाग भाग Milkha तू जाग, अब तू जाग Milkha तू है आग, तू है आग Milkha तू जाग, अब तू जाग Milkha तू है आग, तू है आग Milkha दांत से काट ले बिजली तार चबाले तांबे की झनकार फूंक दे खुद को ज्वाला ज्वाला बिन खुद जले ना होय उजाला लपट है आग Milkha ओ बस तू भाग Milkha, भाग Milkha भाग Milkha, भाग Milkha भाग भाग भाग भाग भाग भाग भाग भाग ओ ओ ओ, ओ ओ ओ ओ ओ, ओ तू जाग, अब तू जाग Milkha तू है आग, तू है आग Milkha