Jaane Kyun
Vishal & Shekhar
4:38धड़कन धड़कन बोले मेरा यह मन टूटेंगे सब जीतने भी है बंधन धड़कन धड़कन बोले मेरा यह मन टूटेंगे सब जीतने भी है बंधन जितनी हो दूरी जितनी मजबूरी सब जंजीरें पिघला देगी यह मन आगन धड़कन धड़कन बोले मेरा यह मन टूटेंगे सब जीतने भी है बंधन जितनी हो दूरी जितनी मजबूरी सब जंजीरें पिघला देगी यह मन आगन ए आ आ आ ए आ आ आ आ आ आ आ आ आ (आ आ आ) आ आ आ आ (आ आ आ) ओ काँटे ही काँटे है राह में पर चलता हूँ तेरी चाह में सौ आनधितयारे ओढ़े रात है कोई मगर कहता यह बात है तन मन जला ले करने उजाले हां तू सजाले जो है तेरे सपनो का भवन ए आ आ आ ए आ आ आ आ आ आ आ आ आ (आ आ आ आ ही ओ ही ओ ही ओ आ आ)