Ishq Hai
Anurag Saikia
5:13मन तेरा जो रोग है मोहे समझ ना आये पास है जो सब छोड़ के दूर को पास बुलाये जिया लागे ना तुम बिन मोरा जिया लागे ना तुम बिन मोरा जिया लागे ना तुम बिन मोरा जिया लागे ना तुम बिन मोरा क्या जाने क्यों है क्या जाने कैसी अनदेखी सी डोर जो खिंचती है जो ले चली है जो खिंचती है जो ले चली है अब यूँ मुझे तेरी ओर हो मैं अनजानी हूँ वह कहानी होगी ना जो पूरी हो मैं अनजानी हूँ वह कहानी होगी ना जो पूरी हो पास आओगे तो पाओगे पास आओगे तो पाओगे फिर भी है एक दूरी जिया लागे ना तुम बिन मोरा जिया लागे ना तुम बिन मोरा जिया लागे ना तुम बिन मोरा जिया लागे ना तुम बिन मोरा जिया जिया प रा रा प रा रा हो प रा रा हो मन अब तक जो बुझ ना पाया तुम वो पेहली हो कोई ना जाने क्या वो रहस्य है कोई ना जाने क्या वो रहस्य है जिसकी सहेली हो मैं मुस्काओ सबसे छुपाऊ व्याकुल हो दिन रेन हो मैं मुस्काओ सबसे छुपाऊ व्याकुल हो दिन रेन हो कब से ना आई नैनो में निंदिया कब से ना आई नैनो में निंदिया मन में ना आया चैन जिया लागे ना तुम बिन मोरा जिया लागे ना तुम बिन मोरा जिया लागे ना तुम बिन मोरा जिया लागे ना तुम बिन मोरा