Sahiba
Aditya Rikhari
3:11दिल से धड़कन है गायब रातों से नींदें गायब आसमां के तारे सारे खो ही गए अब ना पहले सी शामें ना कोई गीत पुराने सारे ही लम्हे जैसे थम से गए इन राहों के दरमियां कैसे हुए फासले कोई तो होगी वजह हम पहले से ना रहे गुम हुए जाने कहां रह गई परछाइयां चुप हम दोनो यहां रह गई खामोशियां गुम हुए जाने कहां रह गई परछाइयां चुप हम दोनो यहां रह गई खामोशियां हम खो गए कहां हम खो गए कहां हम-सफ़र एक रास्ते के एकदुजे से ही खफा है चल पड़े कैसे सफर पे, जाएगें कहाँ कैसी मजबूरियों में चल रहे, हम दुरियों पे साथ होकर भी जुदा है, आये हम कहाँ इन राहों के दरमियां कैसे हुए फासले कोई तो होगी वजह हम पहले से ना रहे गुम हुए जाने कहां रह गई परछाइयां चुप हम दोनो यहां रह गई खामोशियां गुम हुए जाने कहां रह गई परछाइयां चुप हम दोनो यहां रह गई खामोशियां हम खो गए कहां हम खो गए कहां