Fool Out Of You
Srushti Tawade
2:45चलो, सो जाओ बेटा मम्मी एक story सुनाओ ना ,please एक story कौनसी वाली? उम्म, परी वाली ठीक है एक था कौवा एक बार हमें कौवे के घर में रात का खाना बन गया था छोटे उमर से हर दिन वो कौवे के हाथ पकाया गया था कौवे को कभी मिला नहीं credit हर दिन वो बोले कि let it go बोला भूल जाओ। ठीक है मैं समझ गया कुछ और खाना हो, मुझे बताएं Table पे बैठे थे सारे कौवे बेचे की नजरें थी नीचे और आंखों में आंसू, खुद पे वो काबू भी करें और आंखें भी मीचे, और जिसने भी जो भी मांगा, वो देता गया बदले में ताने ही खाए थकर सामन उसका समेटा गया किसी ने आंसू नहीं धए कौवे ने सोचा क्या पा रहा हूं? मैं क्यों इनको खाना खिला रहा हूं? मैं हर दिन तो गली ही खा रहा हूं बस, कौवे ने बोला, मैं जा रहा हूं कौवे के जो भी थे प्यारे बैठ के देखते रहे वो सारे मुड़ी जो कौवे की पीठ तो गाली देने लगे, पत्थर मारे देखो ना, कौवा अकेला है कौवे ने क्या नहीं झेला है कौवे ने क्या नहीं झेला है देखो ना, कौवा अकेला है देखो ना, कौवा अकेला है कौवे ने क्या नहीं झेला है ऐसे ही कौवो का मेला है देखो ना कौवा जब निकला घर से कप कपाया वो डर से कि किसी ने उसे पढ़ा लिखाया भी नहीं था छोटी उमर से अब क्या ही बेचारा करे कैसे वो यूं ही गुजारा करें नौकरी मिली ही नहीं तो भूख को कैसे नकारा करे? ठोकर खाता यहां वहां था तो वो बेगर, जाता यहां वहां पेट की भूख मिटाने, ढूंढे ठिकाने भीख मांगी थोड़ा खाना कमाने पर कहीं पे खाना नहीं मिला खाने का एक भी दाना नहीं मिला कहि यूं ही प्याला पड़ा था और प्यारे में पानी भी ज्यादा नहीं मिला किसी को कौवे पे दया नहीं आई कौवे की family कभी भी ढूंढ़ने इस्तेमाल करें बेहया नहीं आई उन्होंने जो पत्थर मारे थे कौवे ने पानी के प्यारे में डाले पानी ऊपर आया, प्यास को बुझाया कौवा फिर बोला, मरने दे साले कौवे ने सीखा की ऐसे ही लोगो से पूरी दुनिया है भारी दुनिया में कहानियां छोड़ो तो कहीं भी अब राही ना परी ये कहानी सुन्न के जो नींद आए तो तो जाना, श, श सब ऐसा ही होता है, बेटा Moral of the story देखो ना, कौवा अकेला है कौवे ने क्या नहीं झेला है कौवे ने क्या नहीं झेला है देखो ना, कौवा अकेला है देखो ना, कौवा अकेला है कौवे ने क्या नहीं झेला है ऐसे ही कौवो का मेला है देखो ना