Vaaroon Trending Version
Anand Bhaskar
2:32रब सांझा ते रूह है साज़ी आंगन सांझे छड़ के ना जा सुन बंदेया वेहड़े गलियां रावी रांझे छड़ के ना जा ( छड़ के ना जा) हो दिल के बटवारे नहीं होते हैं मगर अब होंगे अपने ही शहर में तन्हा यहाँ हम सब होंगे रब सांझा ते रूह है साज़ी आंगन सांझे छड़ के ना जा सुन बंदेया वेहड़े गलियां रावी रांझे छड़ के ना जा( ना जा) ओ ख्वाब के धागों से मिल कर जो बुने थे लम्हे किसने सोचा था यूं बे-नूर वो रब होंगे दिल के बटवारे नहीं होते हैं मगर अब होंगे रब सांझा ते रूह है साज़ी आंगन सांझे छड़ के ना जा सुन बंदेया वेहड़े गलियां रावी रांझे छड़ के ना जा( ओ आ ) हो दर्द की मिट्टी में दब जाएंगे सारे मौसम छोड़ कर पेड़ को ये पंची जुदा जब होंगे लोग तो लोग थे हमने भी कहाँ था ध्यान दिया तेरी खामोशी के कुछ और भी मतलब होंगे दिल के बटवारे नहीं होते हैं मगर अब होंगे रब सांझा ते रूह है साज़ी आंगन सांझे छड़ के ना जा ( ना जा) सुन बंदेया वेहड़े गलियां रावी रांझे छड़ के ना जा( ना जा) रब सांझा ते रूह है साज़ी आंगन सांझे छड़ के ना जा सुन बंदेया वेहड़े गलियां रावी रांझे छड़ के ना जा( ना जा)