Chak De India
Sukhvinder Singh
4:44कैसी दीवानगी है कैसी दीवानगी है कैसी दीवानगी है सब कुछ कोई भूलके निकला है घर जलके कैसी दीवानगी है हो तुझपर गगन से बरसिया गुण क्यों है आए चमन से कातों का बन क्यों है हो तुझपर गगन से बरसिया गुण क्यों है आए चमन से कातों का बन क्यों है ना है एक जानहारा मॅन झुका है क्यों ਤन है सब टूट गया सब छूट गया कोई लूट गया जैसे कोई छ्चोड़ गया दिल तोड़ गया दिल छ्चोड़ गया जैसे सब टूट गया सब छूट गया सब टूट गया सब छूट गया कोई लूट गया जैसे कोई छ्चोड़ गया दिल तोड़ गया दिल छ्चोड़ गया जैसे हो तुझपर गगन से बरसिया गुण क्यों है आए चमन से कातों का बन क्यों है प्यासी हवाें चलती दिशायें रीयीत की है सारी घटायें हन रीयीत जो बरसे तो यह मॅन तरसे लौट के जाए कैसे इधारसे अब जाओगे जिधर देखो के उधर सुनसान नागरे सारे दिन गुज़र गये बात गुज़र गये चैन उखाड़ गये सारे अब जाओगे जिधर देखो के उधर अब जाओगे जिधर देखो के उधर सुनसान नागरे सारे दिन गुज़र गये बात गुज़र गये चैन उखाड़ गये सारे हो तुझपर गगन से बरसिया गुण क्यों है आए चमन से काटो का बन क्यों है कैसी दीवानगी है कैसी दीवानगी है कैसी दीवानगी है सब कुछ कोई भूलके निकला है घर जलके कैसी दीवानगी है जीना सितम है उमीद कम है बस एक दिल है और इतना गुम है काली घटा है कड़वी है बातें दिल करारा है मातो पे मतें अब यहा वाहा तू जाए जहाँ वो प्यार कहाँ जाए वो अपनो का वो सपनो का संसार कहाँ जाए अब यहा वाहा तू जाए जहाँ अब यहा वाहा तू जाए जहाँ वो प्यार कहाँ जाए वो अपनो का वो सपनो का संसार कहाँ जाए हो तुझपर गगन से बरसिया गुण क्यों है आए चमन से कातों का बन क्यों है ना है एक जानहारा मॅन झुका है क्यों तन है सब टूट गया सब छूट गया कोई लूट गया जैसे कोई छ्चोड़ गया दिल तोड़ गया दिल छ्चोड़ गया जैसे सब टूट गया सब छूट गया सब टूट गया सब छूट गया कोई लूट गया जैसे कोई छ्चोड़ गया दिल तोड़ गया कोई छ्चोड़ गया दिल तोड़ गया