Ishq Hai
Anurag Saikia
5:13आ गिरा आसमान दिल गवाह है साथ तू ना सही दिल जवान है काग़ज़ के पन्नो पे मैं लिख डून तेरा नाम लकीरों में ही रहता है अंजाम मैं तेरा तू मेरी धीरे धीरे से खो गये धीरे से खो गये कहीं तू मेरी धीरे धीरे से खो गये धीरे से खो गये कोशिशों में ख़ुशनसीबी ना हो आहतों में जब करीबी ना हो हुँने जो खोया दिखता नही है आँखों से हंसते मैं रोया च्छुपकर तेरी ही बातों से काग़ज़ के पन्नो पे मैं लिख डून तेरा नाम लकीरों में ही लिख दे तू अंजाम मैं तेरा तू मेरी धीरे धीरे से खो गये धीरे से खो गये कहीं तू मेरी धीरे धीरे से खो गये धीरे से खो गये सोचते थे हम की कभी भी ना रूठें की कभी भी ना छ्छूतें की कभी भी ना कभी भी ना सोचते थे हम की कभी भी ना रूठें की कभी भी ना छ्छूतें की कभी भी ना कभी भी ना धीरे धीरे से खो गये धीरे धीरे से खो गये हम धीरे धीरे से खो गये धीरे धीरे से खो गये हम धीरे धीरे से खो गये धीरे धीरे से खो गये हम धीरे धीरे से खो गये हम