Chale Jana Zara Thahro
Tejinder Singh Bedi & Bhawana Dixit
5:09ला ला लॉ हे हे हूँ हूँ ये शाम मस्तानी मदहोश किये जाए मुझे डोर कोई खींचे तेरी और लिए जाए ये शाम मस्तानी मदहोश किये जाए मुझे डोर कोई खींचे तेरी और लिए जाए दूर रहती है तू मेरे पास आती नहीं होठों पे तेरे कभी प्यास आती नहीं ऐसा लगे जैसे के तू हँस के ज़हर कोई पिए जाए शाम मस्तानी मदहोश किये जाए मुझे डोर कोई खींचे तेरी और लिए जाए बात जब मैं करू मुझे रोक देती है क्यों तेरी मीठी नज़र मुझे टोक देती है क्यों तेरी हया, तेरी शर्म तेरी कसम मेरे होंठ सिये जाए शाम मस्तानी मदहोश किये जाए मुझे डोर कोई खींचे तेरी और लिए जाए एक रूठी हुई तकदीर जैसे कोई खामोश ऐसे है तू तस्वीर जैसे कोई तेरी नज़र बनके ज़ुबां लेकिन तेरे पैगाम दिए जाए शाम मस्तानी मदहोश किये जाए मुझे डोर कोई खींचे तेरी और लिए जाए ये शाम मस्तानी मदहोश किये जाए मुझे डोर कोई खींचे तेरी और लिए जाए