Shiva Tandava Stotram
Uma Mohan
6:38नमामीशमीशान निर्वाणरूपं, विभुंव्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपं निजंनिर्गुणंनिर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाशमाकाशवासंभजेऽहं निराकार ॐकारमूलं तुरीयं, गिराज्ञान गौतीतमीशं गिरीशं करालं महाकाल कालं कृपालं, गुणागार संसार पारं नतोऽहं तुषाराद्रिसंकाश गौरं गभीरं, मनोभूतकोटि प्रभाश्रीशरीरं स्फुरन्मौलि कल्लोलिनि चारुगंगा, लसद्भाल बालेन्दु कण्ठे भुजंगा (ॐ नमो भगवते रुद्राय) चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं, प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालं मृगाधीश चर्माम्बरं मुण्डमालं, प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं, अखण्डं अजं भानुकोटि प्रकाशं त्रयः शूलनिर्मूलनं शूलपाणिं, भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यं कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी, सदासद्चिदानन्द दाता पुरारि चिदानन्द सन्दोह मोहापहारि, प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारि नवावत् उमानाथपादारविन्दं, भजन्तीह लोके परे वा नराणां न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं, प्रसीद प्रभो सर्व भूताधिवासं न जानामि योगं जपं नैव पूजां, नतोऽहं सदासर्वदा शम्भु तुभ्यं जराजन्मदुःखौऽघतातप्यमानं, प्रभो पाहि आपन् नमामीश शम्भो ॐ नमो भगवते रुद्राय (ॐ नमो भगवते रुद्राय)