Yeh Reshmi Zulfen
Vipin Sachdeva
5:05आने से उसके आये बहार, जाने से उसके जाये बहार बड़ी मस्तानी है मेरी महबूबा मेरी ज़िन्दगानी है मेरी महबूबा आने से उसके आये बहार, जाने से उसके जाये बहार बड़ी मस्तानी है मेरी महबूबा मेरी ज़िन्दगानी है मेरी महबूबा गुनगुनाए ऐसे जैसे बजते हों घुंघरू कहीं पे आके पर्वतों से, जैसे गिरता हो झरना ज़मीं पे झरनो की मौज है वो, मौजों की रवानी है मेरी महबूबा मेरी ज़िन्दगानी है मेरी महबूबा बन संवर के निकले आए सावन का जब जब महीना हर कोई ये समझे होगी वो कोई चंचल हसीना पूछो तो कौन है वो, रुत ये सुहानी है, मेरी महबूबा मेरी ज़िन्दगानी है मेरी महबूबा बड़ी मस्तानी है मेरी महबूबा हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म