Pillangoviya Cheluva Krishnana
Rahul Vellal
5:47वेंकटाचल* निलयं वैकुण्ठ पुरवासं वेंकटाचल* निलयं वैकुण्ठ पुरवासं पङ्कज नेत्रं परम पवित्रं पङ्कज नेत्रं परम पवित्रं शङ्क चक्रधर चिन्मय रूपं वेंकटाचल निलयं वैकुण्ठ पुरवासं पङ्कज नेत्रं परम पवित्रं अम्बुजोद्भव विनुतं अगणित गुण नामं अम्बुजोद्भव विनुतं अगणित गुण नामं तुम्बुरु नारद गानविलोलं तुम्बुरु नारद गानविलोलं वेंकटाचल निलयं वैकुण्ठ पुरवासं वेंकटाचल निलयं वैकुण्ठ पुरवासं मकर कुण्डलधर मदनगोपलं मकर कुण्डलधर मदनगोपलं मकर कुण्डलधर मदनगोपलं भक्त पोषक श्री पुरन्दर विठलं भक्त पोषक श्री पुरन्दर विठलं वेंकटाचल निलयं वैकुण्ठ पुरवासं वेंकटाचल निलयं वैकुण्ठ पुरवासं पङ्कज नेत्रं परम पवित्रं पङ्कज नेत्रं परम पवित्रं शङ्क चक्रधर चिन्मय रूपं वेंकटाचल निलयं वैकुण्ठ पुरवासं वैकुण्ठ पुरवासं वैकुण्ठ पुरवासं