Dhurandhar - Title Track (From "Dhurandhar")
Shashwat Sachdev
2:36अपुन जैसे टपोरी को क्या मालूम साला प्यार किस चिड़िया का नाम है लुखागिरी करके अपना टाइमपास होता है बीड़ी, पान, चाय मिलती है है बस अपुन खुश ये प्यार का लफड़ा लोचा काइको काइको, अरे काइको रे फिर बोले तो एक दिन अपुन के मोहल्ले में हेमा आई साला अपुन का खोपड़ी चक्कर खा गया ट्रक के साथ दिल साला टक्कर खा गया छैला क्या सूरत थी वो क्या कहता है हां जुल्फें क्या जुल्फें थीं चलती थी एक दम हवा के माफिक आंखें ऐसी कि रुका दे ट्रैफिक अपुन ने सोचा अपुन का बेड़ा पार हो गया बोले तो बाप, साला अपुन को भी प्यार हो गया ओ ओ ओ…ओ ओ ओ ओ ओ ओ…ओ ओ ओ दिन भर अपुन उसकी खिड़की के नीचे कोई लफड़ा नहीं कुछ नहीं तीन दिन न अजीज से रदा, ना उस्मान से पंगा बस चुप चाप पहली बार लड़की देखी और सीती नहीं मारी आंखें मिल भी जाती हैं तो क्या, आँख नहीं मारी अपुन का बिदु लोग साला डर गया बोला क्या होगा मुन्ना साला तू भी सुधर गया ओ ओ ओ…ओ ओ ओ ओ ओ ओ…ओ ओ ओ फिर एक दिन उसको देख के कल्लन बोला ऐ मुन्ना भाई वो देख क्या कयामत जारी है बाप अपुन का खोपड़ी सरका कल्लन को पकड़ा और बोला इधर आ शाने तेरे को कयामत दिखाता हूं साले को इतना धोया, इतना धोया अभी तक थोपा वाकदा है और आज तक अपुन के साथ उसका छतीस का आंकड़ा है समझा, समझा क्या फिर हेमा का क्या हुआ फिर एक दिन वो अपुन को देख के हँसी अपुन बोला बाप हंसी तो फंसी लगता है वो भी अपुन पे फिदा हो गई दो दिन के बाद उसकी शादी हो गई अपुन के सामने वो घर से बिदा हो गई उसकी डोली उठी, अपुन, अपुन उधर-इच खड़ा था लेकिन वो अपुन को नहीं देखी वो रात अपुन दो बजे तक पीया वो रात अपुन दो बजे तक पीया साला एक... एक सपना देखा था लेकिन मां कसम एक आंसू नहीं रोया काइको रोयेगा, काइको रोयेगा साला अपुन-इच येदा था ना अगले दिन वो-इच पहले के माफिक लाइफ चालू वो-इच गंदे गिलास में चाय वो-इच पान बीड़ी अज़ीज़ को इतना मारा, इतना मारा लोग समझे वो मरेगा भूलने का है, भूलने का का है पर क्या करेगा सपना टूटा है तो दिल कभी जलता है हां थोड़ा दर्द हुआ पर चलता है सपना टूटा है तो दिल कभी जलता है हां थोड़ा दर्द हुआ पर चलता है फिर...फिर क्या हुआ फिर...फिर क्या अगले दिन अपने मोहल्ले मैं ऐश्वर्या आई ओ ओ ओ…ओ ओ ओ अपना खोपड़ी फिर चक्कर खा गया दिल ट्रक के साथ फिर टक्कर खा गया क्या बात है! छैला क्या सूरत थी आंखें ऐसी के ऐसी ऐ मुन्ना भाई, तेरे दिल का ट्रैफिक फिर से रुका क्या