Dus Bahane
Vishal-Shekhar
3:27सुननेवालो सुनो ऐसा भी होता है दिल देता है जो वो जान भी खोता है प्यार ऐसा जो करता है, क्या मर के भी मरता है, आओ तुम भी आज सुनलो ओ ओ दास्तां है ये की इक था नौजवान जो दिल ही दिल मे एक हसीना का था दीवाना वो हसीना थी के जिसकी खुबसुरती, का दुनियाभर मे था मशहूर अफसाना दोनो की ये कहानी है जिसको सभी कहते है ओम शांति ओ ओ ओ म नौजवान की थी आरजू, उसकी थी येही जुस्तजू उस हसीना मे उसको मिले, इश्क के सारे रंगों बू नौजवान की थी आरजू, उसकी थी येही जुस्तजू उस हसीना मे उसको मिले, इश्क के सारे रंगों बू उसने न जाने ये नादानी है, वो रेत को समझा के पानी है क्यूं ऐसा था, किस लिए था, ये कहानी है दास्तां है ये के उस दिलकश हसीना के, निगाहो दिल मे कोई दूसरा ही था बेखर इस बात से उस नौजवान के खाबो का अंजाम तोह होना बुरा ही था टूटे खाबो की इस दास्ता को सभी कहते है ओम शांति ओ ओ ओ म सुननेवालो सुनो ऐसा भी होता है, कोई जितना हसे उतना ही रोता है दीवानी होके हसीना, खायी क्या धोके हसीना, आओ तुम भी आज सुनलो ओ ओ दास्तां है ये की उस मासूम हसीना ने जिसे चाहा ओ था अंदर से हरजाई संग दिल से दिल लगाके, बेवफा के हाथ आके, उसने इक दिन मौत ही पायी इक सितम का फ़साना है जिसको सभी कहते है ओम शांति ओम क्यू कोई कातिल समझता नही, ये जुल्म वो है जो झुकता नही ये दाग वोह है जो मिटता नही, रहता है खुनी के हाथ पर खून उस हसीना का जब था हुवा, कोई वहाँ था पहुचा तो गया लेकिन उसे वो बचा न सका, रोया था प्यार उसकी मौत पर दास्तां है ये की जो पहचानता है खुनी को वो नौजवान है लौट के आया कह रही है जिंदगी कातिल समझले उसके सर पे छा चूका है मौत का साया जन्मो की, कर्मो की है कहानी जिसे, कहते है ओम शांति ओम कहते है ओम शांति ओम