Paisa Hai Toh
Sachin-Jigar
3:09भेजे में पहले कोई डंग डंग वज्जदी हैं हवा में गूंजते है रंग कई चुप से पानी में जो कंकड़ पड़ गया छिपी लकीरें चल पड़ी अरे दिन कहीं डूबा हैं हुयी कहीं सुबह हैं दुनिया चलती हैं सर्कल पे सर जो ये उठा हैं गर्दा ही मचा हैं धड़कनों की जैसे हलचल पे दर्द ही दवा हैं अपना ही नशा हैं जी ले ज़िंदगी मर मर के सबको मैं नचा के रख दूंगा हिला के अब ना रहना हैं डर डर के घेरे में घेरे में घेरे में घेरे में रखली रात आज घेरे में घेरे में घेरे में घेरे में घेरे में रखली रात आज घेरे में घेरे में घेरे में घेरे में घेरे में रखली रात आज घेरे में घेरे में घेरे में घेरे में घेरे में रखली रात आज घेरे में घेरे हैं आसमान के तारे सारे चाहे झर गये जुगनुओं ने करी रौशनी हैं सुस्त थे जो साले दिन वो गुज़र गये जागी हैं सनसनी अरे आग ने छुआ हैं उठ रहा धुआं हैं लावा निकला है पत्थर से रास्ता नया हैं अब बन गया हैं पानियों से कट करके सामने जो आये काम से वो जाये छोटे चल थोड़ा बच करके ज़िद से हूँ भरा मैं बिजली सा गिरा मैं बादलों से ऐसे फट करके घेरे में घेरे में घेरे में घेरे में रखली रात आज घेरे में घेरे में घेरे में घेरे में घेरे में रखली रात आज घेरे में घेरे में घेरे में घेरे में घेरे में रखली रात आज घेरे में घेरे में घेरे में घेरे में घेरे में रखली रात आज घेरे हैं सवेरे से ज्यादा अँधेरे है दीखते है चेहरे पे घाव बड़े गेहरे चट्टान टूट जाते है हम तो हीरे है कोयले में पले है फिर भी जी रहे है लड़ेंगे तो शान से ईमान हैं अपना लड़ने से डरते नहीं काम हैं अपना रात तो हैं घेरे में अकेले ही झेलेंगे ज़रूर खेलेनेगे टाइम हैं अपना अरे दिन कहीं डूबा हैं हुयी कहीं सुबह हैं दुनिया चलती हैं सर्कल पे सर जो ये उठा हैं गर्दा ही मचा हैं धड़कनों की जैसे हलचल पे दर्द ही दवा हैं अपना ही नशा हैं जी ले ज़िंदगी मर मर के सबको मैं नचा के रख दूंगा हिला के अब ना रहना हैं डर डर के घेरे में घेरे में घेरे में घेरे में रखली रात आज घेरे में घेरे में घेरे में घेरे में घेरे में रखली रात आज घेरे में घेरे में घेरे में घेरे में घेरे में रखली रात आज घेरे में घेरे में घेरे में घेरे में घेरे में रखली रात आ घेरे है घेरे है