Payal
Yo Yo Honey Singh
3:47Yeah, ahh ਕਹਿੰਦੀ, yeah खाली बोतल है, बोतल में जिन है और जिनकी बोतल है आँखें हैं लाल, बहके हैं कदम जिन-जिनकी बोतल है होंठों पे है लाली, मुँह पे गाली, जब खुलती बोतल है ढक्कन खोलो तो इससे रूह निकले, ये हिलती बोतल है कोई कहता है दिल को छूती है और ग़म छुपाती है कोई कहता है के माशूक़ा को दिल से भुलाती है कोई कहता है इसके पीने से आदत लग जाती है मैं तो पीऊँगा क्यूँकि ये मेरे बजट में आती है, हाय झूम बराबर झूम शराबी, झूम बराबर झूम झूम बराबर झूम शराबी, झूम बराबर झूम काली घटा है, मस्त फ़िज़ा है काली घटा है, मस्त फ़िज़ा है जाम उठाकर घूम-घूम-घूम झूम बराबर झूम शराबी, झूम बराबर झूम झूम बराबर झूम शराबी, झूम बराबर झूम आज अंगूर की बेटी से मोहब्बत कर ले शेख़ साहब की नसीहत से बगावत कर ले इसकी बेटी ने उठा रखी है सर पर दुनिया ये तो अच्छा हुआ अंगूर के बेटा न हुआ कम से कम सूरत-ए-साक़ी का नज़ारा कर ले आके मयख़ाने में जीने का सहारा कर ले आँख मिलते ही जवानी का मज़ा आएगा तुझको अंगूर के पानी का मज़ा आएगा हर नज़र अपनी ब-सद शौक़ गुलाबी कर दे इतनी पी ले के ज़माने को शराबी कर दे जाम जब सामने आए तो मुकरना कैसा (जाम जब सामने आए तो मुकरना कैसा) बात जब पीने पे आ जाए तो डरना कैसा (बात जब पीने पे आ जाए तो डरना कैसा) धूम मची है (आ-आ), मयख़ाने में (ओ-हो) धूम मची है मयख़ाने में तू भी मचा ले धूम-धूम-धूम झूम बराबर झूम शराबी, झूम बराबर झूम झूम बराबर झूम शराबी, झूम बराबर झूम रात को मयख़ाने में बैठा था माशूक़ा मिल गई हुई जब शिकवे-शिकवा, फिर साली इक बोतल खुल गई उसकी आँखों से जब टपका लहू, मेरी रूह तक हिल गई परोसे जब मैंने दो जाम, उसकी तबियत खिल गई मुझको बोली के मेरा आशिक़ है तू क्यूँ सताता है आशिक़ है या क़ातिल है मेरा जब खंजर चलाता है कभी मेरे घर पे डेरा था मयख़ाने जाता है मयख़ाने जाके किस सौतन के बिस्तर में सो जाता है, हाय झूम बराबर झूम शराबी, झूम बराबर झूम झूम बराबर झूम शराबी, झूम बराबर झूम झूम बराबर झूम शराबी, झूम बराबर झूम Ahh, ਕਹਿੰਦੀ, Yo Yo Honey Singh