Jaana Hai

Jaana Hai

Zubeen Garg

Альбом: Dum Maaro Dum
Длительность: 6:14
Год: 2011
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Текст песни

जाना है, बादल से दूर
छाया है, पागल सुरूर
राहें भी, बेचैन है
बेपनाहा, यह नाल है
हो नैना जागे जागे
हो चाइना दागे दागे
तो मुस्कुरा, के बोलना कल को सो लेंगे
हो मज़िल मीलों आगे, जो दिल को बोजल आगे
तो मुस्कुरा, के बोलना कल को रो लेन्गे

खेह्ति आई महफ़िल जो कहानी फूस फुसाके
कह कहोने यूँ उड़ा के
मूह ज़ुबानी ही बनके
रोकेगी, वो तुझे
होगा कुछ ना हासिल हिम्माटों से ज़ल ज़ालोसे
दिल जालों के चौंचलों से
चाँद पलके बुलबुलों से
टोकेगी, वो तुझे
जाना है, बादल से डोर
छाया है, पागल सुरूर
राहें भी, बेचैन है
बेपनाहा, यह नाल है
हो नैना जागे जागे
हो चाइना दागे दागे
तो मुस्कुरा, के बोलना कल को सो लेंगे
हो मज़िल मीलों आगे, जो दिल को बोजल आगे
तो मुस्कुरा, के बोलना कल को रो लेन्गे

अर पल इंतेहाँ है, इकातदह है, इंतहा है
फासलों का काफिला है, रोशनी ना दरमियाँ है
डोर है, डोर है
मंज़िल देखती है, तेरा मंज़र मुस्कुराके
देख नज़ारे तो उठाके है बुलाता छम छमाके
नूवर है, नूवर है
जाना है, बादल से डोर
छाया है, पागल सुरूर
राहें भी, बेचैन है
बेपनाहा, यह नाल है
हो नैना जागे जागे
हो चाइना दागे दागे
तो मुस्कुरा, के बोलना कल को सो लेंगे
हो मज़िल मीलों आगे, जो दिल को बोजल लगे
तो मुस्कुरा, के बोलना कल को रो लेंगे