Girta Sambhalta (Extended)
Aditya N., Nayantara Bhatkal, & Class
3:54खुलती खिड़की के जैसी बाँहें घुलती बादल के जैसी राहें बोलो झपकी लेते ये मन को देखो गुज़रते लम्हें को सरकती चादर जैसी निगाहें पिघलती क़ुलफ़ी जैसी ये यादें बोलो झपकी लेते इस मन को देखो गुज़रते लम्हें को