Bhor Bhai Din Chad Gaya Meri Ambe - Mata Rani Ke Bhajan
Alka Yagnik
6:21अम्बे तू है जगदम्बे काली जय दुर्गे खप्पर वाली तेरे ही गुण गावें भारती ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती अम्बे तू है जगदम्बे काली जय दुर्गे खप्पर वाली तेरे ही गुण गावें भारती ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती तेरे भक्त जनो पर मैया भीर पड़ी है भारी भीर पड़ी है भारी दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी करके सिंह सवारी सौ-सौ सिहों से है बलशाली है दस भुजाओं वाली दुखियो के दुखड़े निवालती ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती अम्बे तू है जगदम्बे काली जय दुर्गे खप्पर वाली तेरे ही गुण गावें भारती ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती माँ-बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता बड़ा ही निर्मल नाता पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता माता सुनी कुमाता सब पे करूणा दर्शाने वाली अमृत बरसाने वाली दुखियों के दुखड़े निवारती ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती अम्बे तू है जगदम्बे काली जय दुर्गे खप्पर वाली तेरे ही गुण गावें भारती ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती नहीं मांगते धन और दौल तन चांदी न सोना न चांदी न सोना हम तो मांगें माँ तेरे मन में एक छोटा सा कोना एक छोटा सा कोना सबकी बिगड़ी बनाने वाली लाज बचाने वाली सतियों के सत को संवारती ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती अम्बे तू है जगदम्बे काली जय दुर्गे खप्पर वाली तेरे ही गुण गावें भारती ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती