Suniye Kahiye Kahiye
Kishore Kumar
5:06रात आज की ये हो रात दिलकशी की ये दिलनशी सी है हमनशी सी है उमंगे जाएगी हर दिल में खुशी की महफ़िल में तू भी जो शामिल हो तो ये कुछ और खिल जाए रात आज की ये हो रात दिलकशी की ये दिलनशी सी है हमनशी सी है उमंगे जगी हर दिल में खुशी की महफ़िल में तू भी जो शामिल हो तो ये और ये कुछ और खिल जाए रात आज की ये हो रात दिलकशी की ये आँख से छलकते हैं नशे के पैमाने झूमने लगे दिल होके यूं मस्ताने कहती है नज़र प्यार के नए अफ़साने सपनों में ग़ुम हो रहे हैं सब दीवाने सभी के होठों पे वीरानी ख़ुशियों का हंसी तराना है उमंगे जागी हर दिल में खुशी की महफ़िल में तू भी जो शामिल हो तो ये और ये कुछ और खिल जाए रात आज की ये हो रात दिलकशी की ये हमदम मेरा बाहों में मेरी आया है दिल दे गुल कोई जैसे मुस्काया है तेरी अदा बन गई है जा महफ़िल की तू जो ज़रा हसकर शरमाया है समां सुहाना है किसी की चाहत का तू भी दीवाना है उमंगे जागी हर दिल में खुशी की महफ़िल में तू भी जो शामिल हो तो ये और ये कुछ और खिल जाए रात आज की ये हो रात दिलकशी की ये हो रात दिलकशी की ये दिलकशी की ये दिलकशी की ये