Bulleya (From "Ae Dil Hai Mushkil")
Pritam
5:49कहता है, है ज़िंदगी तू क्यूँ मुझमे फिर मिलता नही देता है, ऐसा सफ़र क्यूँ है मंज़िले जिनकी नहीं केहदे खुदा है कैसा खुदा तू जो बस मे तेरे कुछ नही हन कोई तो वजह होगी जो यूँ है मजबूर तू भी कहीं हो ओ ओ जितना तलाशुन तू मिलता नही ये फ़ितरत तेरी तू बदलता नहीं जितना तलाशुन तू मिलता नही ये फ़ितरत तेरी तू बदलता नहीं तू बता ऐसे क्यूँ, तेरी मर्ज़ी चलता है तू जीते जी यूँ जलाता है तू इश्क़ में जीने ना दे तू और मरने भी देता नही कहता है, है हुंसफर तू फिर साथ क्यूँ देता नही क्या है खफा या है बेवफा तू जो सुनता मेरी कुछ नहीं हन कोई तो वजह होगी जो यूँ है मजबूर तू भी कहीं हो ओ ओ केहदे खुदा है कैसा खुदा तू जो बस मे तेरे कुछ नही हन कोई तो वजह होगी जो यूँ है मजबूर तू भी कहीं हो ओ ओ