Naina Da Kya Kasoor
Amit Trivedi
3:31इसी बात पे अगर ज़िन्दगी हो खुद में कहीं (अगर ज़िन्दगी हो खुद में कहीं) फिर क्यों रहे किसी की कमी (फिर क्यों रहे किसी की कमी) बोझ बनके रहे क्यों सुबह किसी रात पे आ बदल डालें रस्में सभी इसी बात पे इसी बात पे, इसी बात पे इसी बात पे माँगा नहीं है कभी आसमां हाँ मगर एक झरोखा खुला तो रखो जीत दम तोड़ दे ना कभी किसी मात पे हाँ बदल डालें रस्में सभी इसी बात पे इसी बात पे, इसी बात पे इसी बात पे, इसी बात पे इसी बात पे, इसी बात पे (?) माँगा नहीं है कभी आसमां हाँ मगर एक झरोखा खुला तो रखो जीत दम तोड़ दे ना कभी किसी मात पे हाँ बदल डालें रस्में सभी इसी बात पे इसी बात पे, इसी बात पे इसी बात पे, इसी बात पे इसी बात पे, इसी बात पे इसी बात पे, इसी बात पे