Hamne Tumko Dil Ye De Diya
Anand Raaj Anand
मैं कहीं कवि ना बन जाऊँ, तेरे प्यार में, ऐ कविता मैं कहीं कवि ना बन जाऊँ, तेरे प्यार में, ऐ कविता मैं कहीं कवि ना बन जाऊँ,तेरे प्यार में, ऐ कविता तुझे दिल के आईने में मैंने बार-बार देखा तुझे दिल के आईने में मैंने बार-बार देखा तेरी अँखियों में देखा तो छलकता प्यार देखा तेरा तीर, मैंने देखा, तो जिगर के पार देखा मैं कहीं कवि ना बन जाऊँ, तेरे प्यार में, ऐ कविता मैं कहीं कवि ना बन जाऊँ, तेरे प्यार में, ऐ कविता मैं कहीं कवि ना बन जाऊँ