Yeh Haalaath
Ashutosh Phatak, Jubin Nautiyal, & Zahrah S Khan
4:30ऐसा लगे रूठा जग सारा ख़ुद से ही कैसे मिले भूलो को सहारा रब का भी तेरे बिन बीते दिन ये पलछिन ख़ाली-ख़ाली क्यूँ लगे? आजा रे, सबके रब रे, सबके रब रे सबके रब रे, सबके तुझसा लगे हर झूठा इशारा धुआँ सा (धुआँ सा) क्यूँ ना सजे ख़्वाबों का नज़ारा हल्का सा (हल्का सा) तेरे बिन बीते दिन ये पलछिन ख़ाली-ख़ाली क्यूँ लगे? आजा रे, सबके रब रे, सबके रब रे सबके रब रे, सबके तुझसा लगे हर झूठा इशारा धुआँ सा क्यूँ ना सजे ख़्वाबों का नज़ारा हल्का सा हल्का सा, हल्का सा