Kuch Is Tarah
Atif Aslam
5:14काश वो पल पैदा ही ना हो जिस पल में नज़र तू ना आए 'गर कहीं ऐसा पल हो तो इस पल में मर जाएँ मर जाएँ, मर जाएँ मर जाएँ, हो, मर जाएँ मर जाएँ, मर जाएँ मर जाएँ, हो, मर जाएँ मैंने जिसे चाहा ही नहीं वो शख़्स क्यूँ अच्छा लगता है? क्यूँ हर लम्हा उसकी तमन्ना दिल ये हरदम करता है? हो, अपने दिल की इस उलझन को कैसे भला सुलझाएँ? मर जाएँ, मर जाएँ मर जाएँ, हो, मर जाएँ मर जाएँ, मर जाएँ मर जाएँ, हो, मर जाएँ तू ना मिले जिस रोज़ वो दिन कब आसानी से कटता है दिल का धड़कना साँस का चलना एक सज़ा सा लगता है दिल ही जाने बग़ैर तेरे हम कैसे जी पाएँ मर जाएँ, मर जाएँ मर जाएँ, हो, मर जाएँ मर जाएँ, मर जाएँ मर जाएँ, हो, मर जाएँ