Aaya Tere Dar Par
Ahmad Hussain, Mohd. Hussain, Mohd. Vakil, And Javed Hussain
7:51आज जवानी पर इतरानेवाले कल पछतायेगा आज जवानी पर इतरानेवाले कल पछतायेगा चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा ढल जायेगा ढल जायेगा ढल जायेगा ढल जायेगा तू यहाँ मुसाफ़िर है ये सराये फ़ानी है चार रोज की मेहमां तेरी ज़िन्दगानी है तेरी ज़िन्दगानी है तेरी ज़िन्दगानी है ज़र ज़मीं ज़र ज़ेवर कुछ ना साथ जायेगा खाली हाथ आया है खाली हाथ जायेगा खाली हाथ जायेगा खाली हाथ जायेगा जानकर भी अन्जाना बन रहा है दीवाने अपनी उम्र ए फ़ानी पर तन रहा है दीवाने तन रहा है दीवाने तन रहा है दीवाने आज तक ये देखा है पानेवाले खोता है ज़िन्दगी को जो समझा ज़िन्दगी पे रोता है ज़िन्दगी पे रोता है ज़िन्दगी पे रोता है मिटनेवाली दुनिया का ऐतबार करता है क्या समझ के तू आखिर इसे प्यार करता है इसे प्यार करता है इसे प्यार करता है अपनी अपनी फ़िक्रों में जो भी है वो उलझा है जो भी है वो उलझा है जो भी है वो उलझा है ज़िन्दगी हक़ीकत में क्या है कौन समझा है क्या है कौन समझा है क्या है कौन समझा है आज समझले आज समझले कल ये मौका हाथ न तेरे आयेगा ओ गफ़लत की नींद में सोनेवाले धोखा खायेगा चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा ढल जायेगा ढल जायेगा ढल जायेगा ढल जायेगा मौत ने ज़माने को ये समा दिखा डाला कैसे कैसे रुस्तम को खाक में मिला डाला खाक में मिला डाला खाक में मिला डाला याद रख सिकन्दर के हौसले तो आली थे जब गया था दुनिया से दोनो हाथ खाली थे दोनो हाथ खाली थे दोनो हाथ खाली थे अब ना वो हलाकू है और ना उसके साथी हैं जंग जो न कोरस है और न उसके हाथी हैं और न उसके हाथी हैं और न उसके हाथी हैं कल जो तनके चलते थे अपनी शान ओ शौकत पर शमा तक नही जलती आज उनकी क़ुरबत पर आज उनकी क़ुरबत पर आज उनकी क़ुरबत पर अदना हो या आला हो सबको लौट जाना है सबको लौट जाना है सबको लौट जाना है मुफ़्हिलिसों का अन्धर का कब्र ही ठिकाना है कब्र ही ठिकाना है कब्र ही ठिकाना है जैसी करनी जैसी करनी वैसी भरनी आज किया कल पायेगा सरको उठाकर चलनेवाले एक दिन ठोकर खायेगा चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा मौत सबको आनी है कौन इससे छूटा है तू फ़ना नही होगा ये खयाल झूठा है ये खयाल झूठा है ये खयाल झूठा है साँस टूटते ही सब रिश्ते टूट जायेंगे बाप माँ बहन बीवी बच्चे छूट जायेंगे बच्चे छूट जायेंगे बच्चे छूट जायेंगे तेरे जितने हैं भाई वक़तका चलन देंगे छीनकर तेरी दौलत दोही गज़ कफ़न देंगे दोही गज़ कफ़न देंगे दोही गज़ कफ़न देंगे जिनको अपना कहता है सब ये तेरे साथी हैं कब्र है तेरी मंज़िल और ये बराती हैं और ये बराती हैं और ये बराती हैं ला के कब्र में तुझको मुरदा बक डालेंगे अपने हाथों से तेरे मुँह पे खाक डालेंगे मुँह पे खाक डालेंगे मुँह पे खाक डालेंगे तेरी सारी उल्फ़त को खाक में मिला देंगे तेरे चाहनेवाले कल तुझे भुला देंगे कल तुझे भुला देंगे कल तुझे भुला देंगे इस लिये ये कहता हूँ खूब सोचले दिल में क्यूँ फंसाये बैठा है जान अपनी मुश्किल में जान अपनी मुश्किल में जान अपनी मुश्किल में कर गुनाहों से तौबा आके बस सम्भल जायें आके बस सम्भल जायें आके बस सम्भल जायें दम का क्या भरोसा है जाने कब निकल जाये जाने कब निकल जाये जाने कब निकल जाये मुट्ठी बाँधके आनेवाले मुट्ठी बाँधके आनेवाले हाथ पसारे जायेगा धन दौलत जागीर से तूने क्या पाया क्या पायेगा चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा ढल जायेगा ढल जायेगा ढल जायेगा ढल जायेगा ढल जायेगा ढल जायेगा चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा