Mann Bharryaa 2.0
B Praak
4:27रब्बा मेरे इश्क किसी को ऐसे ना तड़पाएं हाय के जिंदा हो बहार से कोई पर अंदर से मर जाए मर जाए आ आ आ आ आ हो दिल रोया ते आँख भर आई हो मेरी मौत है तेरी जुदाई हो दिल रोया ते आँख भर आई हो मेरी मौत है तेरी जुदाई किसी से अब क्या कहना हो तुझे याद न मेरी हो तुझे याद न मेरी आई किसी से अब क्या कहना हो तुझे याद न मेरी आई किसी से अब क्या कहना न लगे दुआ न लगे दवाई हो मेरी मौत है तेरी जुदाई किसी से अब क्या कहना हो तुझे याद न मेरी आई किसी से अब क्या कहना रा रा रा रा रा र क्या ही जमाने थे आ आ आ आ तुम मेरे दीवाने थे आ आ आ आ वे हुन् हाल ना पूछेया शुदाई वे तेरी कोई नी चिट्ठी आयी हो जिने तेरी मोहब्बत पाई वो तेरे नए यार को बधाई किसी से अब क्या कहना हो तुझे याद न मेरी हो तुझे याद न मेरी आई किसी से अब क्या कहना हो तुझे याद न मेरी आई किसी से अब क्या कहना न लगे दुआ न लगे दवाई हो मेरी मौत है तेरी जुदाई किसी से अब क्या कहना हो तुझे याद न मेरी आई किसी से अब क्या कहना हो तेरे ग़म में ओ जानी अपनी ये हालत होती है हो मेरा चाँद भी चीखे मारे चाँदनी रोती है हो मेरे घर के दरवाजे पे आके सौ वारी हो मेरी मौत भी मुझसे बाते करके लौटी है हो दर्दा दी महफिल लाई मेहमान आई तन्हाई हो मैंने तों जहर खिलाई हो तेरी देख के गोद भराई किसी से अब क्या कहना हो तुझे याद न मेरी हो तुझे याद न मेरी आई किसी से अब क्या कहना हो तुझे याद न मेरी आई किसी से अब क्या कहना न लगे दुआ न लगे दवाई हो मेरी मौत है तेरी जुदाई किसी से अब क्या कहना हो तुझे याद न मेरी आई किसी से अब क्या कहना