Sajna (Cover)
Rajarshi Bhattacharya
3:24हे हे हम्म हम्म हम्म ये शाम मस्तानी मदहोश किये जाए मुझे डोर कोई खींचे तेरी और लिए जाए ये शाम मस्तानी मदहोश किये जाए मुझे डोर कोई खींचे तेरी और लिए जाए ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ दूर रहती है तू मेरे पास आती नहीं होठों पे तेरे कभी प्यास आती नहीं ऐसा लगे जैसे के तू हँस के ज़हर कोई पिए जाए ये शाम मस्तानी मदहोश किये जाए मुझे डोर कोई खींचे तेरी और लिए जाए बात जब मैं करू मुझे रोक देती है क्यों तेरी मीठी नज़र मुझे टोक देती है क्यों तेरी हया तेरी शरम तेरी कसम मेरे होंठ सिये जाए ये शाम मस्तानी मदहोश किये जाए मुझे डोर कोई खींचे तेरी और लिए जाए एक रूठी हुई तकदीर जैसे कोई खामोश ऐसे है तू तस्वीर जैसे कोई तेरी नज़र बनके ज़ुबां लेकिन तेरे पैगाम दिए जाए ये शाम मस्तानी मदहोश किये जाए मुझे डोर कोई खींचे तेरी और लिए जाए ये शाम मस्तानी मदहोश किये जाए मुझे डोर कोई खींचे तेरी और लिए जाए