Ab Kahan Pyar Mein

Ab Kahan Pyar Mein

Bhupinder Singh

Альбом: Wadiyan
Длительность: 5:01
Год: 2015
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Текст песни

अब कहाँ प्यार में
पाकीज़गी का नामो निशान
जिस्म की भूख है
और इस के सिवा कुच्छ भी नही
अब कहाँ प्यार में
पाकीज़गी का नामो निशान
जिस्म की भूख है
और इस के सिवा कुच्छ भी नही
अब कहाँ प्यार में

वो सदी बीत चुकी
वो सदी बीत चुकी
जिसमें थे लैला मजनू
आज तो सिर्फ़ है दुनिया में
दिखावे का जुनून
और फिर ढूँढते फिरते है
मोहब्बत का सुकून
और फिर ढूँढते फिरते है
मोहब्बत का सुकून
इन इरादों में
गुनाहो को सिवा कुच्छ भी नही
जिस्म की भूख है
और इस के सिवा कुच्छ भी नही
अब कहाँ प्यार में
पाकीज़गी का नामो निशान
जिस्म की भूख है
और इस के सिवा कुच्छ भी नही
अब कहाँ प्यार में

ज़ुल्म होता है अंधेरों में
हवस कल की है
ज़ुल्म होता है अंधेरों में
हवस कल की है
जिसमें ताक़त है यहाँ
उसकी सदा चलती है
जिसमें ताक़त है यहाँ
उसकी सदा चलती है
ज़ख़्म ताज़ा है मगर
फिर भी च्छुरी चलती है
मर्ज़ कुच्छ ऐसे भी है
जिन की दवा कुच्छ भी नही
जिस्म की भूख है
और इस के सिवा कुच्छ भी नही
अब कहाँ प्यार में
पाकीज़गी का नामो निशान
जिस्म की भूख है
और इस के सिवा कुच्छ भी नही