Mamta Se Bhari

Mamta Se Bhari

Bombay Jayashri

Длительность: 3:49
Год: 2018
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Текст песни

ममता से भरी तुझे छाओं मिली
जुग जुग जीना तू बाहुबली

है जहां विष और अमृत भी
मन वो मंथन छलिये

महिष पति का वंशज वो
जिसे कहते बाहुबली
रणमें वो ऐसे टूटे
जैसे टूटे कोई बिजली

है जहाँ विष और अमृत भी
मनन व मंथन स्थली

तलवारें जब वो लहराएं
छत्र बिन मस्तक हो जाए
शत्रु दल ये सोच न पाये
जाए
बच के
कहाँ

माता है भाग्य विधाता
मुल्लाह साथी कहलाता
ऐसा अधभुत वो राजा
सबका
मन जो
जीते वो
शाशन वही सिर्गामी कहे जो
रण दोनों धरम का
मन निछलता हर क्षण

है जहाँ विष और अमृत भी
मन व मंथन स्थली