Us Mod Se Shuroo Karen
Jagjit Singh
5:40दिल ही तो है, न संग-ओ-ख़िश्त दिल ही तो है, न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आए क्यूँ रोएँगे हम हज़ार बार रोएँगे हम हज़ार बार कोई हमें सताए क्यूँ दिल ही तो है, न संग-ओ-ख़िश्त दैर नहीं, हरम नहीं, दर नहीं, आस्ताँ नहीं दैर नहीं, हरम नहीं, दर नहीं, आस्ताँ नहीं बैठे हैं रहगुज़र पे हम, बैठे हैं रहगुज़र पे हम, ग़ैर हमें उठाए क्यूँ दिल ही तो है, न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आए क्यूँ हाँ वो नहीं खुदा-परस्त, जाओ वो बेवफ़ा सही हाँ वो नहीं खुदा-परस्त, जाओ वो बेवफ़ा सही जिस को हो दीन-ओ-दिल अज़ीज़ जिस को हो दीन-ओ-दिल अज़ीज़ , उसकी गली में जाए क्यूँ दिल ही तो है, न संग-ओ-ख़िश्त 'ग़ालिब"-ए-ख़स्ता के बग़ैर कौन से काम बन्द हैं 'ग़ालिब"-ए-ख़स्ता के बग़ैर कौन से काम बन्द हैं रोइए ज़ार-ज़ार क्या रोइए ज़ार-ज़ार क्या, कीजिए हाय-हाय क्यूँ दिल ही तो है, न संग-ओ-ख़िश्त\ दर्द से भर न आए क्यूँ रोएँगे हम हज़ार बार कोई हमें सताए क्यूँ